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Ankita53 GuestbookJeetCHAUHAN (11 years ago) Dil_O_Jaan Say Ziyada Karen Gay Hifazat Us ki Ek Baar Woh Keh Day Mein AmanatHun Teri ღ~••••♥●●♥═════ ═══◄►════════♥● ●♥••••~ღ JeetCHAUHAN (11 years ago) एक कौवे को अपने झुण्ड में रहना ज़रा भी अच्छा नहीं लगता था. उसे अपने काले रूप-रंग से बड़ी चिढ़ थी. वह अक्सर मोरके रूप को देख कर ईर्ष्या किया करता था. एक बार उसने बहुत से मोर पंख इकट्ठे कर लिए और उन मोर पंखों को अपने शरीर पर लगा कर मोरों के झुण्ड में शामिल होने चल दिया. उसे देखते ही मोरों ने ठहाका लगाया -" इस दुष्ट कौवे को देखो....मोर बनने चला है. मारो इसे " फिर क्या था, सभी मोर उस कौवे पर टूट पड़े और मार-मार कर उस बहुरूपिये कौवेको अधमरा कर दूर भगा दिया. घायल दशा में कौवा अपने झुण्ड में लौटकर मोरों की शिकायत करने लगा. दूसरे कौवों ने उसे हिकारत से देखा. एकबुजुर्ग कौवे ने नसीहत दी-" ये कौवा हम सब से अलग चलता था. कभी मोर और कभी हंस के झुण्ड में शामिल होने के लिए उतावला रहता था. लगाओ इसे ठोकरें .... जोप्राणी अपनी जाति,रूप-रंग से संतुष्ट नहीं रहता, वह हर जगह अपमान पाता है." अत: कौवों ने भी चोंच मार-मार कर उसे भगा दिया. वह कौवा मोर तो न बन पाया, कौवों ने भी उसे अपनाने से इन्कार कर दिया. कौवा घरका रहा न घाट का. सीख:- ईश्वर ने हमें जिस रूप में जन्माहै, उसी में संतुष्ट रहकर अपने कर्मो पर ध्यान देना चाहिए JeetCHAUHAN (11 years ago) тнe нappιeѕт мoмenтѕ oғ тнe lιғe ιѕ wнen yoυ ĸnow тнaт yoυ are ιn love wιтн ѕoмeone wнo ιѕ even мore ιn love wιтн yoυ ♥ | |